पंचतन्त्र की कहानियां
२. मित्रलाभ या मित्रसंप्राप्ति (मित्र प्राप्ति एवं उसके लाभ)
३. काकोलुकीयम् (कौवे एवं उल्लुओं की कथा)
४. लब्धप्रणाश (हाथ लगी चीज (लब्ध) का हाथ से निकल जाना (हानि))
५. अपरीक्षित कारक (कुपरीक्षित काम)
पंचतन्त्र की कहानियां बहुत जीवंत हैं। इनमे लोकव्यवहार को बहुत सरल तरीके से समझाया गया है। बहुत से लोग इस पुस्तक को नेतृत्व क्षमता विकसित करने का एक सशक्त माध्यम मानते हैं। इस पुस्तक की महत्ता इसी से प्रतिपादित होती है कि इसका अनुवाद विश्व की लगभग हर भाषा में हो चुका है।
अगली कहानी कब प्रेषित करोंगे? बंधु
जवाब देंहटाएंपंचतंत्र की कहानियां अपने मुलरूप में और आधुनिक भाषा में प्रस्तुत करना, बहुत बढ़िया कार्य है।
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